Saturday 17 October 2015

तेरा क्या होगा कालिया .........

आज कल भारतवर्ष में बड़ी गरम हवायें चल रही हैं! कुछ लोग इसमें इंधन डाल रहे हैं और कुछ सेकने में लगे हैं! धर्म में तो जीव हत्या मना है! हिन्दू जैन सिख सभी तो कहते हैं कि जीव हत्या पाप है! लेकिन खाते हर धर्म के लोग हैं! मांस हो मुर्गा हो या मछली! अब गौ रक्षा राजनितिक मुद्दा है या फिर दिल से रोकना चाहते हैं! अब भारत में धर्म और जाती वाद इतना है कि आग लगाने के लिये दियासिलाई भी नहीं चाहिए! एक अफवाह उड़ा दो बस आग लगी समझो! कोन मारा गया किसको फ़िक्र है? "खाना छोड़ो या देश छोड़ो" अब धर्म के हिसाब से तो कोई भी मांस खाना मना है तो जो मांस खाये वो सब देश छोडें! जीव हत्या मना है लेकिन इंसान चलता है!
जब तक वोट सब मेरे हों ...

बिना सोचे समझे साहित्यकारों के बारे में उल्टा सीधा लिखना बंद करें! अपने राजनितिक अंध विश्वास पर निर्भर न रहें..... पहले देश की सोचें

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